कार में जिंदा जलाने की साजिश में एक और गिरफ्तार, 18 साल पुराने हत्याकांड में सफलता
बीमा राशि हड़पने के लिए 18 साल पहले एक भिखारी को कार में जिंदा जला दिया गया। इस सनसनीखेज मामले में रकाबगंज पुलिस ने एक साजिशकर्ता को गिरफ्तार किया है। मुख्य आरोपित पिछले साल पकड़ा गया था।
बीमा राशि हड़पने के लिए 18 साल पहले एक भिखारी को कार में जिंदा जला दिया गया। इस सनसनीखेज मामले में रकाबगंज पुलिस ने एक साजिशकर्ता को गिरफ्तार किया है। मुख्य आरोपित को नवंबर 2023 में अहमदाबाद (गुजरात) क्राइम ब्रांच ने पकड़ा था। उसे जेल भेजा था। मुकदमा आगरा ट्रांसफर होकर आया था। 30 जुलाई 2006 को आगरा किला के सामने टक्कर रोड पर एक कार खंभे से टकराई थी। कार में भीषण आग लगी थी। ड्राइविंग सीट पर बैठा युवक जिंदा जल गया था। कार नंबर के आधार पर पुलिस ने भट्टा परसौल, दनकौर गौतमबुद्ध नगर निवासी विजय सिंह से संपर्क किया था। वह आगरा आए थे। कार अपने बेटे अनिल सिंह की बताई थी। शव की पहचान की थी।
शव की पहचान में महिपाल और रामवीर ने गवाही दी थी। अनिल सिंह ट्रैवल एजेंसी चलाता था। उसका करीब 60 लाख रुपये का बीमा था। मृत्यु प्रमाण पत्र बनने के बाद बीमा राशि ली गई थी। अनिल सिंह वास्तव में मरा नहीं था। वह अहमदाबाद में रहने लगा था। अपना नाम बदल लिया था। राजकुमार चौधरी नाम से आधार कार्ड बनवा लिया था। गोपनीय शिकायत पुलिस ने अनिल सिंह को जिंदा पकड़ा था। उसके खिलाफ अहमदाबाद में धोखाधड़ी और हत्या की धारा के तहत मुकदमा दर्ज किया था।
डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय ने बताया कि अहमदाबाद में दर्ज मुकदमा विवेचना के लिए आगरा भेजा गया था। रकाबगंज थाने में मुकदमा पंजीकृत कराया गया। इंस्पेक्टर क्राइम को विवेचना दी गई। घटना की साजिश में अनिल सिंह के पिता विजय सिंह, चाचा अभय सिंह, रामवीर शामिल थे। विजय सिंह और अभय सिंह ने हाईकोर्ट से स्टे ले रखा है। पुलिस ने रामवीर सिंह को गिरफ्तार करके जेल भेजा है।
बीमा कंपनी से लिए थे 56 लाख रुपये
इंस्पेक्टर रकाबगंज शैली राणा ने बताया कि अनिल सिंह को मृत दर्शाकर उसके पिता ने बीमा कंपनी से 56 लाख रुपये से अधिक का भुगतान लिया था।
भिखारी को बेहोश करके सीट पर बैठाया
पुलिस के अनुसार अनिल और उसके साथियों ने फुटपाथ से एक भिखारी को खाना खाने के बहाने पास बुलाया था। उसे खाना खिलाया। अनिल ने अपने कपड़े पहनने के लिए दिए। उसने अनिल के कपड़े पहन लिए। खाने में बेहोशी की दवा थी। भिखारी बेहोश हो गया। उसे कार की ड्राइविंग सीट पर बैठाया। कार को जला दिया गया।