दिल्ली हाईकोर्ट सोमवार को कथित शराब घोटाले से जुड़े सीबीआई और ईडी के मामलों में बीआरएस नेता के. कविता की ओर से दायर जमानत याचिकाओं पर फैसला सुनाएगा। जस्टिस स्वर्णकांत शर्मा की पीठ ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 28 मई को मामले में आदेश सुरक्षित रख लिया था। के. कविता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम चौधरी, अधिवक्ता नितेश राणा, मोहित राव और दीपक नागर पेश हुए थे। वहीं सीबीआई की ओर से अधिवक्ता डीपी सिंह और प्रवर्तन निदेशालय की ओर से अधिवक्ता जोहेब हुसैन पेश हुए।
अब सीबीआई और ईडी के मामलों में आरोपी बीआरएस नेता के. कविता की दो जमानत याचिकाओं पर दिल्ली हाईकोर्ट सोमवार को दोपहर 2:30 बजे अपना फैसला दे सकता है। कविता ने ट्रायल कोर्ट के 6 मई के आदेश को चुनौती दी है जिसके द्वारा उनकी सीबीआई के भ्रष्टाचार मामले के साथ-साथ ईडी के मनी लॉन्ड्रिंग मामले को भी खारिज कर दिया गया।
कविता के वकील ने अदालत में कहा कि आबकारी घोटाला मामले में 50 आरोपियों में से वह अकेली महिला है, और अदालत से उसे जमानत देने पर विचार करने का आग्रह किया था क्योंकि कानून महिलाओं को एक अलग स्थान पर रखता है। सीबीआई और ईडी ने कविता की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि वह गवाहों को प्रभावित करने के लिए काफी प्रभावशाली और शक्तिशाली है।
कविता की ओर से इस दलील का विरोध करते हुए कि एक महिला होने के नाते उसे जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए, जांच एजेंसियों ने दलील दी थी कि वह महिला ही थी जो यहां साजिश में मुख्य भूमिका निभा रही थी और वह एक सक्रिय राजनीतिज्ञ और सदस्य थी। ईडी ने आरोप लगाया कि के कविता ने अन्य लोगों के साथ साजिश रची और 100 करोड़ रुपये की रिश्वत के भुगतान में सक्रिय रूप से शामिल रही और फिर अपने प्रॉक्सी के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग इकोसिस्टम यानी मेसर्स इंडो स्पिरिट्स की स्थापना की, जिससे 192.8 रुपये की अपराध आय हुई।
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