मानस माला मंदिर मिशन के लिए 1000 करोड़ की मांग, पीएम नरेंद्र मोदी से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रखी डिमांड
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से यह भी अनुरोध किया कि उत्तराखंड की विशेष भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए सड़क निर्माण के दौरान क्षतिपूरक वृक्षारोपण के लिए उपयुक्त भूमि के चयन में कठिनाई हो रही है।
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया है कि मानसखंड मंदिर माला मिशन के लिए 1000 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की जाए। धामी ने यह भी मांग की है कि उत्तराखंड में लंबित हाईड्रो पावर प्रोजेक्टों के निर्माण की अनुमति देने के साथ ही वन भूमि को हस्तांतरण किया जाए।
सीएम धामी ने देहरादून-मसूरी के बीच रेलवे लाइन परियोजना को भी हरी झंडी दिए जाने की मांग उठाई। नई दिल्ली में मंगलवार को पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान सीएम धामी ने उन्हें तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री का दायित्व संभालने पर शुभकामनाएं दी हैं।
प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने उन्हें श्री महासू मंदिर की प्रतिकृति भी भेंट की। सीएम धामी का कहना था कि हाईड्रो पावर प्रोजेक्ट उत्तराखंड राज्य की जीडीपी में वृद्धि का मुख्य कारक हैं। अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए राज्य खुले बाजार से प्रतिवर्ष लगभग एक हजार करोड़ रूपये की बिजली खरीद रहा है।
इससे राज्य के वित्तीय संसाधनों पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। इसलिए अलकनंदा, भगीरथी और अन्य सहायक नदियों पर प्रस्तावित 24 जल विद्युत परियोजनाओं को लेकर सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर गठित विशेषज्ञ समिति की अंतिम रिपोर्ट पर जल शक्ति मंत्रालय और विद्युत मंत्रालय के साथ पुर्नसमीक्षा की जाए।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से यह भी अनुरोध किया कि उत्तराखंड की विशेष भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए सड़क निर्माण के दौरान क्षतिपूरक वृक्षारोपण के लिए उपयुक्त भूमि के चयन में कठिनाई हो रही है, मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड 67 प्रतिशत वन आच्छादित क्षेत्र है।
राज्य के विकास कार्यों के लिये भूमि की उपलब्धता कम है। उत्तराखण्ड राज्य, अर्न्तराष्ट्रीय सीमा से लगे एक सामरिक महत्व रखने वाला राज्य है। इसलिए सड़क सहित अन्य अवस्थापना संबंधित कार्यों के लिए वन कानूनों में विशेष राहत दी जाए।
मानस मंदिर माला मिशन के लिए मांगे 1000 करेाड़ रुपये
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री मोदी को बताया कि मानसखंड मंदिर माला मिशन के अन्तर्गत चिन्हित 48 पौराणिक मंदिरों में से 16 मंदिरों में अवस्थापना विकास के कार्य शुरू हो चुके हैं। इन मंदिर मार्गों को डबल लेन करने के लिए एक हजार करोड़ की सहायता प्रदान की जाए।
उन्होंने कहा कि मानसखंड मंदिर माला मिशन के तहत कुमांऊ क्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध पूर्णागिरी धाम को विकसित करने के लिये शारदा कॉरिडोर के विकास की कार्ययोजना तैयार की जा रही है। मानसखण्ड माला मिशन के अन्तर्गत प्रसिद्ध कैंची धाम का भी मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है।
पिथौरागढ़ स्थित सीमांत गांव गुंजी (आदि कैलाश क्षेत्र) को अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटन डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किए जाने के लिए मास्टर प्लान तैयार कर लिया गया है। गुंजी को’’शिव नगरी’’थीम के आधार पर विकसित किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा गुंजी तथा आदि कैलाश एवं ओम पर्वत के लिए हेली सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए सर्वे कर लिया गया है।
रेल लाइन और सुरंग को मिले मंजूरी
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से उत्तराखंड में रेल सेवाओं के विस्तार के लिये देहरादून-मसूरी रेल लाईन परियोजना की स्वीकृति का भी अनुरोध किया। साथ ही प्रस्तावित ज्योलिकांग - वेदांग (पांच किमी), सीपू-तोला (22 किमी) और मिलम- लैपथल (30 किमी) टनल परियोजनाओं की प्रशासकीय और वित्तीय स्वीकृति का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से राज्य में निवेश प्रोत्साहन के लिए मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क और औद्योगिक विकास के लिए बीएचईएल हरिद्वार से राज्य को भूमि हस्तान्तरण का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया कि भारत सरकार एवं राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से 1002 एकड़ भूमि पर एकीकृत विनिर्माण कलस्टर, खुरपिया का निर्माण 50-50 प्रतिशत की हिस्सेदारी के अन्तर्गत किया जा रहा है।
उत्तराखंड सरकार द्वारा उपलब्ध करायी गयी भूमि का मूल्य 410 करोड़ है। इसके लिए सभी तरह की एनओसी प्राप्त हो गई हैं। इसलिए एकीकृत विनिर्माण कलस्टर, खुरपिया का अनुमोदन प्राथमिकता पर किया जाए।
बीएचईएल की जमीन के ट्रांसफर की भी मांग
सीएम धामी ने पीएम मोदी से अनुरोध किया है कि हरिद्वार स्थित बीएचईएल की जमीन को भी हस्तांतरण करने की अनुमति दी जाए ताकि मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क और औद्योगिक विकास पर काम शुरू हो सके।
धामी ने बताया कि भारत सरकार और उत्तराखंड सरकार के संयुक्त प्रयासों से 50-50 प्रतिशत लागत की हिस्सेदारी के तहत 1002 एकड़ भूमि पर इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर, खुरपिया का निर्माण किया जा रहा है।
कहा कि उत्तराखंड सरकार की ओर से दी गई जमीन की कीमत 410 करोड़ है और इससे जुड़ी सभी एनओसी मिल चुकी है। धामी ने पीएम मोदी से इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर, खुरपिया की मंजूरी देने का भी अनुरोध किया है।
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