हाथरस हादसा के मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर की नौकरी गई, 20 पंचायत में मनरेगा देखता था
हाथरस भगदड़ में हुई एफआईआर में भोले बाबा के मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर को मुख्य आरोपी बनाया गया है। उसकी फरारी के कारण उसपर एक लाख का ईनाम भी घोषित हुआ। इसके बाद उसे नौकरी से भी निकाल दिया गया।
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हाथरस भगदड़ के मुख्य आरोपी और भोले बाबा के मुख्य सेवादार देव प्रकाश मधुकर को एटा जिले के शीतलपुर ब्लॉक में तकनीकी सहायक के पद से हटा दिया गया है। यहां वह 2010 से अनुबंध पर 20 पंचायतों में मनरेगा के काम की देखरेख कर रहे थे। खंड विकास अधिकारी (शीतलपुर) दिनेश शर्मा ने खुलासा किया कि मधुकर का नाम एफआईआर में मुख्य आरोपी के रूप में सामने आने के बाद प्रक्रिया हुई। हाथरस पुलिस ने भी उस पर 1 लाख रुपये का इनाम घोषित किया है। इसी के बाद उसे हटाने और उसकी संविदा समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी।
घटना के बाद से मधुकर फरार है। इसी कारण उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) भी निकाला गया है। पुलिस महानिरीक्षक, अलीगढ़ रेंज, शलभ माथुर ने गुरुवार को हाथरस पुलिस लाइन में मीडिया से बात करते हुए कहा कि समागम (सत्संग) के प्रभारी देव प्रकाश मधुकर (इंजीनियर) के नाम पर सत्संग के लिए अनुमति मांगी गई थी। हाथरस पुलिस द्वारा एफआईआर में नाम आने के बाद से वो फरार है। उसकी गिरफ्तारी पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया है और एनबीडब्ल्यू जारी किया गया है। टीमें उसकी तलाश कर रही हैं।
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बताया जा रहा है कि शीतलपुर ब्लॉक में मनरेगा के तहत कराए गए विकास कार्यों के निरीक्षण के बाद मधुकर को बिल और वाउचर तैयार करने का काम सौंपा गया था। उसकी पत्नी पंचायत सहायक हैं और दोनों हाथरस के सिकंदरा राऊ कस्बे में रहते हैं। मधुकर अपने पैतृक गांव के निवासियों को भोले बाबा की संस्था से जोड़ने में सक्रिय था। मधुकर ने ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ा था लेकिन हार गया। मधुकर के गांव से करीब 30 लोग हाथरस में सत्संग में शामिल होने गए थे लेकिन सुरक्षित लौट आए।
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