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Hindi News मध्य प्रदेशथाना प्रभारी की पत्नी ने वन विभाग की जमीन पर कैसे बना लिया रेस्टोरेंट, हुई कार्रवाई

थाना प्रभारी की पत्नी ने वन विभाग की जमीन पर कैसे बना लिया रेस्टोरेंट, हुई कार्रवाई

सबसे खास बात यह है कि होटल इंदौर में पदस्थ टीआई विनय शर्मा की पत्नी प्रियंका शर्मा के द्वारा बनाया गया है। वही TI की पत्नी ने जिला कोर्ट में तत्काल सुनवाई का आवेदन भी लगाया था जो खारिज हो गया है।

थाना प्रभारी की पत्नी ने वन विभाग की जमीन पर कैसे बना लिया रेस्टोरेंट, हुई कार्रवाई
Nishant Nandanलाइव हिन्दुस्तान,ग्वालियरTue, 02 Jul 2024 05:20 PM
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मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में वन विभाग की जमीन पर तत्कालीन थाना प्रभारी की पत्नी के द्वारा रेस्टोरेंट बनाने का मामला सामने आया है। इसकी जानकारी जब वन विभाग को लगी तो विभाग की टीम मौके पर पहुंची और यहां मधुबन रेस्टोरेंट पर बेदखली का आदेश चस्पा कर दिया। विभाग द्वारा 7 दिन के अंदर होटल को खाली करने का आदेश दिया गया है। सबसे खास बात यह है कि होटल इंदौर में पदस्थ टीआई विनय शर्मा की पत्नी प्रियंका शर्मा के द्वारा बनाया गया है। वही TI की पत्नी ने जिला कोर्ट में तत्काल सुनवाई का आवेदन भी लगाया था जो खारिज हो गया है अब स्टे दिए जाने की मांग के लिए आवेदन लगाया है।

बता दें कि इस मामले को लेकर शिकायतकर्ता संकेत साहू ने शिकायत की थी कि घाटीगांव तहसील के गांव दोरार के सर्वे नंबर 1221 पर प्रियंका शर्मा पत्नी विनय शर्मा ने मुन्ना गुप्ता से रजिस्टर्ड विक्रय पत्र के जरिए 9 फरवरी 2019 को खरीद ली थी। जिसके बाद प्रियंका शर्मा ने सीमांकन के लिए नायब तहसीलदार घाटीगांव को आवेदन दिया था।

तहसीलदार के साथ मिलकर उसके बाद सीमांकन कर लिया गया था जबकि यह भूमि वन विभाग की निकली।सीमांकन करने के बाद तत्कालीन तहसीलदार घाटीगांव के साथ मिलकर नामांतरण और डायवर्सन भी कर लिया गया। उसके बाद प्रियंका शर्मा ने खसरे में अपना नाम चढ़ाया और उसके बाद भूमि पर मधुबन रेस्टोरेंट बनाने के लिए चारों तरफ लोहे की तारों से फेंसिंग करवा दी गई। जबकि सर्वे नंबर 1221 की भूमि 1969 में नोटिफिकेशन के द्वारा संरक्षित वन भूमि घोषित की गई थी।

उसके बाद साल 2019 को वन भूमि पर कब्जा करने को लेकर प्रियंका शर्मा पर मामला भी दर्ज किया गया। इसके बाद प्रियंका शर्मा ने हाईकोर्ट में यह याचिका लगाई जो खारिज कर दी गई। फिर जिला कोर्ट में दावा किया गया जिसमें शासन की ओर से 3 महीने से ज्यादा समय होने पर पक्ष पेश किया गया तो स्टे मिल गया। इसके बाद कोर्ट ने तथ्यों के आधार पर प्रियंका शर्मा का दावा खारिज कर जमीन को वन भूमि ही माना। वही इस मामले को लेकर डीएफओ अंकित पांडे का कहना है कि सात दिन का समय खाली करने के लिए दिया गया है उसके बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी।