शरद पवार के हों या अजित दादा के? NCP विधायकों को मिले दो व्हिप, असमंजस
एक तरफ अजित पवार गुट ने व्हिप जारी कर विधायकों से सत्तारूढ़ भाजपा-शिवसेना गठबंधन के साथ बैठने को कहा है, वहीं शरद पवार गुट के मुख्य सचेतक जितेंद्र अव्हाड ने MLA से विपक्षी विधायकों संग बैठने को कहा है
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महाराष्ट्र विधानसभा का मानसून सत्र आज से शुरू हो रहा है। इसके मद्देनजर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के विधायकों को दो विपरीत निर्देश मिले हैं। एक तरफ अजित पवार गुट ने व्हिप जारी कर एनसीपी विधायकों से सत्तारूढ़ भाजपा-शिवसेना गठबंधन के साथ बैठने को कहा है, वहीं शरद पवार गुट की एनसीपी के मुख्य सचेतक जितेंद्र अव्हाड ने विधायकों से विपक्षी विधायकों के साथ बेंच पर बैठने को कहा है। इससे एनसीपी विधायक असमंजस में दिखे।
इस महीने की शुरुआत में शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने चौंकाने वाला कदम उठाते हुए विपक्ष के नेता पद से इस्तीफा देकर कुछ ही घंटों बाद महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली थी। उनके शपथ समारोह में एनसीपी के 18 विधायक शामिल हुए थे और नो विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली थी।दावा किया गया था कि विधानसभा में एनसीपी के 53 विधायकों में से 40 से ज्यादा अजित पवार के साथ हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए अजित पवार ने व्हिप जारी किया है।
उधर, शरद पवार ने पार्टी के 12 विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इसके बाद रविवार को अजित पवार गुट के कई विधायकों ने शरद पवार से वाईबी चव्हाण केंद्र में मुलाकात की थी। इससे पहले अजित पवार ने अपने आवास देवगिरी बंगले पर अपने वफादार विधायकों के साथ बैठक भी की थी।
मानसून सत्र से पहले विपक्षी दलों के साथ बैठक में शामिल हुए जयंत पाटिल को भी सुप्रिया सुले ने वाईबी चौहान सेंटर बुलाया था। बैठक में प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे के साथ मंत्री पद की शपथ लेने वाले सभी नौ विधायक भी मौजूद थे। शरद पवार, सुप्रिया सुले, जयंत पाटिल और जीतेंद्र अव्हाड भी उस बैठक में मौजूद थे।
अपने चाचा के खिलाफ बगावत करने और 2 जुलाई को एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल होने के बाद शरद पवार और अजित पवार के नेतृत्व वाले समूह के बीच यह पहली बैठक थी। हालांकि, उससे दो दिन पहले अजित पवार चाची से मिलने सीनियर पवार के घर भी पहुंचे थे।
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