ग्वालियर लोकसभा सीट मध्य प्रदेश की एक हाई प्रोफाइल सीट है। इस सीट को सिंधिया राजपरिवार का गढ़ माना जाता है। इस सीट की एक दिलचस्प बात यह भी है कि यहां से भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी सांसद निर्वाचित हुए हैं। साल 1957 के चुनाव में कांग्रेस ने ग्वालियर सीट पर जीत हासिल की, पार्टी ने तब सूरज प्रसाद को टिकट दिया था। साल 1962 के चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर विजयाराजे सिंधिया इस सीट से निर्वाचित हुईं। लेकिन उन्हें 1967 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राम अवतार शर्मा से हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद हुए चुनाव यानी साल 1971 में इस सीट से भाजपा की टिकट पर अटल बिहारी वाजपेयी सांसद बने। साल 1984 से 1998 के चुनाव तक इस सीट पर माधवराव सिंधिया लगातार जीतते रहे। ग्वालियर लोकसभा सीट पर साल 2007 से लगातार भाजपा का कब्जा है। साल 2007 में यहां से यशोधरा राजे सिंधिया सांसद बनीं। साल 2014 के चुनाव में भाजपा ने नरेंद्र सिंह तोमर को टिकट दिया और वो इस सीट से सांसद चुने गए। साल 2019 के चुनाव में भाजपा ने ग्वालियर सीट से नरेंद्र सिंह तोमर की जगह विवेक नारायण शेजवलकर को मैदान में उतारा। ग्वालियर नगर निगम के महापौर रह चुके शेजवलकर इस चुनाव में कांग्रेस के अशोक सिंह को हराकर सांसद बने। शेजवलकर को ग्वालियर के 52.55 फीसदी वोटरों ने वोट दिया था।और पढ़ें