मुगलकालीन स्मारकों, बुलंद दरवाजा और शेख सलीम चिश्ती की दरगाह के लिए प्रसिद्ध फतेहपुर सीकरी कभी सम्राट अकबर की राजधानी हुआ करती थी। इस लोकसभा सीट में आगरा ग्रामीण, बाह, फतेहाबाद, फतेहपुर सीकरी और खेरागढ़ विधानसभा आती हैं। जातीय समीकरण की बात करें तो इस लोकसभा सीट पर करीब 3.20 लाख क्षत्रिय, 2.50 लाख ब्राह्मण, 1.90 लाख जाट, 1.85 लाख लोधी, निषाद, 1.40 लाख जाटव, 1.25 लाख कुशवाहा, 0.75 लाख, मुस्लिम और 0.70 लाख वैश्य रहते हैं। साल-2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई फतेहपुर सीकरी सीट पर 2009 के चुनाव में बसपा ने ही पहला कब्जा किया था। उस चुनाव में बसपा के कद्दावर नेता रामवीर उपाध्याय की पत्नी सीमा उपाध्याय ने बतौर बसपा उम्मीदवार 2,09, 466 वोट हासिल किए थे। साल 2014 में यहां बीजेपी उम्मीदवार चौधरी बाबूलाल ने बसपा उम्मीदवार सीमा उपाध्याय को 173106 वोटों से हराकर इस सीट पर पहली बार कमल खिलाया। उस चुनाव में इस सीट पर बसपा नंबर दो पर, सपा नंबर तीन पर और रालोद-कांग्रेस गठबंधन नंबर चार पर रहा। 2014 में ये सीट भाजपा के चौधरी बाबूलाल जीते थे। उन्होंने बसपा की सीमा उपाध्याय को करारी शिकस्त दी थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में दोबारा से कमल खिला और भाजपा उम्मीदवार राजकुमार चाहर ने 667147 वोट पाकर जीत हासिल की। जबकि बसपा के श्रीभगवान शर्मा 168043 मत पाकर दूसरे स्थान पर रहे। 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान राजबब्बर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष थे। वह 172082 मत पाकर तीसरे स्थान पर रहे थे।और पढ़ें