यूपी की मैनपुरी लोकसभा सीट आजादी के बाद से 1989 तक कांग्रेस का मजबूत गढ़ कही जाती थी लेकिन 1989 के बाद 2024 तक इस सीट पर समाजवादियों का कब्जा रहा है। पहले यहां स्व. मुलायम सिंह यादव लोकसभा चुनाव लड़ते थे जिसके चलते ये सीट पूरे देश की निगाहों में आ जाती थी और अब अपने ससुर की विरासत संभाल रहीं सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव वर्तमान में इसी सीट से सांसद हैं। साथ ही उन्हें पार्टी ने फिर से इसी सीट से चुनाव मैदान उतारा है। इसलिए ये सीट उत्तर प्रदेश की चर्चित सीटों में शामिल है। इस लोकसभा क्षेत्र में इटावा की जसवंतनगर विधानसभा भी शामिल है जहां से अखिलेश के चाचा शिवपाल सिंह यादव वर्तमान में विधायक हैं। इसके अलावा इस सीट पर भोगांव विधानसभा भी है जिस पर भाजपा के रामनरेश अग्निहोत्री का कब्जा है। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किशनी विधानसभा में सपा के बृजेश कठेरिया विधायक हैं। वहीं सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव अपनी पत्नी डिंपल यादव की मैनपुरी लोकसभा सीट से जुड़े करहल विधानसभा से विधायक हैं। मैनपुरी में अखिलेश, शिवपाल और डिंपल तीनों की ही हिस्सेदारी है इसलिए प्रदेश और देश की निगाहें इस लोकसभा सीट पर इस बार भी लगी रहेंगी। वर्ष 1989, 1991 में सपा के उदय प्रताप यादव सांसद बने। इसके बाद मुलायम सिंह यादव छह बार यहां से सांसद चुने गए। वर्ष 2019 में भी मुलायम यहां से सांसद बने। उनके निधन के बाद हुए उपचुनाव में डिंपल यादव सांसद बनी हैं। 2014 और 2019 में मोदी लहर थी लेकिन मैनपुरी में समाजवादियों की जीत हुई। हालांकि 2019 के चुनाव में भाजपा के प्रेमसिंह शाक्य ने सपा के मुलायम सिंह यादव को करारी टक्कर दी थी। मुलायम इस चुनाव को महज 94 हजार वोटों के अंतर से जीत पाए थे। और पढ़ें