फोटो गैलरी

अगला लेख

अगली खबर पढ़ने के लिए यहाँ टैप करें

Hindi News गुजरातBJP को क्लीन स्वीप की हैट्रिक बनाने से रोका, जानें कौन हैं गुजरात की यह कांग्रेस प्रत्याशी?

BJP को क्लीन स्वीप की हैट्रिक बनाने से रोका, जानें कौन हैं गुजरात की यह कांग्रेस प्रत्याशी?

गेनीबेन ठाकोर ने साल 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में प्रदेश की वाव विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था, हालांकि वे चुनाव हार गई थीं। इसके बाद साल 2017 में पार्टी ने उन्हें फिर मौका दिया और वे चुनाव जीत गईं।

BJP को क्लीन स्वीप की हैट्रिक बनाने से रोका, जानें कौन हैं गुजरात की यह कांग्रेस प्रत्याशी?
Sourabh Jainहिन्दुस्तान टाइम्स,अहमदाबादTue, 04 Jun 2024 05:06 PM
ऐप पर पढ़ें

गुजरात में लगातार तीसरी बार क्लीन स्वीप करने का भारतीय जनता पार्टी का सपना कांग्रेस की एक प्रत्याशी की वजह से टूट गया। इस उम्मीदवार का नाम गेनीबेन ठाकोर हैं, जिन्होंने प्रदेश की बनासकांठा सीट को जीतते हुए भाजपा को ये कारनामा करने से रोक दिया और प्रदेश में 10 साल बाद कांग्रेस को कोई लोकसभा सीट पर सफलता दिलाई।

प्रदेश की 24 सीटों पर भाजपा ने विजयी बढ़त बना रखी है, जबकि सिर्फ बनासकांठा सीट पर विपक्षी कांग्रेस पार्टी को जीत मिल सकी। चुनाव आयोग की वेबसाइट पर शाम 4 बजे तक उपलब्ध जानकारी के अनुसार, ठाकोर ने बनासकांठा में अपनी भाजपाई प्रतिद्वंद्वी रेखाबेन चौधरी पर लगभग 33 हजार से ज्यादा मतों की महत्वपूर्ण बढ़त बना ली थी। हालांकि जीत का अंतर करीब 15 हजार रहा।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शक्तिसिंह गोहिल ने 'एक्स' पर उन्हें बधाई देते हुए लिखा, 'बनारसकांठा से पंद्रह हजार से अधिक मतों से जीतने पर हमारी बहन गनीबेन को हार्दिक बधाई।'

भाजपा को क्लीन स्वीप की हैट्रिक लगाने से रोका

बनासकांठा में ठाकोर के प्रभावशाली प्रदर्शन ने सत्तारूढ़ पार्टी को 2014 और 2019 के अपने ऐतिहासिक प्रदर्शन की हैट्रिक लगाने से रोक दिया है। इन दोनों चुनावों में भाजपा ने प्रदेश की सभी 26 सीटों को जीता था। राजनीतिक विशेषज्ञ ठाकोर के इस बेहतरीन प्रदर्शन का श्रेय उनके मजबूत जमीनी जुड़ाव और प्रभावशाली ठाकोर समुदाय से मिले समर्थन को दे रहे हैं, जिसकी बनासकांठा में अच्छी खासी मौजूदगी है। 

गेनीबेन ठाकोर ने सन् 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में प्रदेश की वाव विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था, हालांकि वे चुनाव हार गई थीं। इसके बाद साल 2017 में पार्टी ने उन्हें दोबारा यहां से मौका दिया, इस बार वे चुनाव जीतने में सफल रहीं। उन्होंने भाजपा के शंकर चौधरी को मात दी थी।

2012 से भाजपा का गढ़ रही थी बनासकांठा सीट

बता दें कि बनासकांठा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र पारंपरिक रूप से भाजपा का गढ़ रहा है। लेकिन इस बार यह सीट पार्टी के हाथ से निकलती दिख रही है। हालांकि इसके अलावा प्रदेश की अन्य सभी सीटों पर भाजपा एकबार फिर जीत हासिल करती दिख रही है।

2019 में हुए पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा के परबतभाई पटेल ने यह सीट जीती थी। उन्होंने कांग्रेस के पार्थी भटोल को 3.68 लाख वोटों के अंतर से हराया था। पार्टी ने 2014 के चुनाव में भी यह सीट जीती थी। बनासकांठा सीट को 2012 के उपचुनावों के बाद से भाजपा का गढ़ माना जाता रहा है।

26 में से 25 सीटों के लिए हुई मतगणना

बता दें कि राज्य की कुल 26 सीटों में से मंगलवार को 25 सीटों के लिए मतगणना जारी है। सूरत लोकसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार का नामांकन पत्र रद्द होने से और अन्य पार्टियों तथा निर्दलीय मिलकर आठ उम्मीदवारों के नामांकन पत्र वापस लेने के बाद इस सीट से भाजपा उम्मीदवार को 22 अप्रैल को निर्विरोध विजेता घोषित कर दिया गया था। 

राज्य की अन्य सीटों की बात करें तो नवसारी सीट पर भाजपा के सीआर पाटिल, पोरबंदर सीट पर मनसुख मांडविया, राजकोट सीट पर परषोत्तम रुपाला, अहमदाबाद पूर्व सीट पर हसमुखभाई पटेल, अहमदाबाद पश्चिम सीट पर दिनेशभाई मकवाना, अमरेली सीट पर भरतभाई सुतारिया और आणंद सीट पर मितेश पटेल आगे हैं।

बता दें कि पिछले लोकसभा चुनाव में वर्ष 2019 में 64.11 प्रतिशत, 2014 में 63.9 प्रतिशत मतदान हुआ था। भाजपा ने 2019 और 2014 में सभी 26 सीटों पर जीत हासिल की थी। उससे पहले 2009 के चुनाव में भाजपा को 14 और कांग्रेस को 12 सीटें मिली थीं।