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Hindi News गुजरातUS जाने की कोशिश में मिली -35 डिग्री वाली मौत, कनाडा बॉर्डर पर जम गया गुजराती परिवार

US जाने की कोशिश में मिली -35 डिग्री वाली मौत, कनाडा बॉर्डर पर जम गया गुजराती परिवार

एक साल पहले गुजरात के डिंगुचा गांव के रहने वाले जगदीश पटेल, उनकी पत्नी और दो बच्चों की अमेरिका-कनाडा सीमा को पार करते वक्त ठंड से मौत हो गई थी। अब इस केस में हैरान करने वाले खुलासे हो रहे हैं।

US जाने की कोशिश में मिली -35 डिग्री वाली मौत, कनाडा बॉर्डर पर जम गया गुजराती परिवार
Krishna Singhलाइव हिंदुस्तान,अहमदाबादMon, 03 Apr 2023 11:24 AM
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गुजरात के गांधीनगर जिले का डिंगुचा गांव चर्चा के केंद्र में है। एक साल पहले गांव के एक परिवार की लाशें हजारों किलोमीटर दूर अमेरिका-कनाडा बॉर्डर इलाके में बरामद हुई थीं। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि परिवार के दंपति और उनके 2 बच्चे अवैध रूप से कनाडा-अमेरिका सीमा को पार करने की कोशिश करने के दौरान भयावह सर्दी की चपेट में आ गए थे जिससे उनकी मौत हो गई थी। बताया जाता है कि यह परिवार जिस इलाके से गुजर रहा था वहां का तापमान माइनस 35 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे गिर गया था। इस परिवार का अमेरिका में बसने का सपना था। इस हैरान करने वाली घटना की जैसे जैसे छानबीन हो रही है, वैसे वैसे चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। 

गांधीनगर के कलोल और अहमदाबाद से दो एजेंट गिरफ्तार
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने कनाडा-अमेरिका सीमा पर एक गुजराती परिवार के चार सदस्यों की मौत के मामले में अवैध तरीके से विदेश भेजने के आरोप में दो एजेंट को गिरफ्तार किया है। अहमदाबाद क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने गांधीनगर के कलोल और अहमदाबाद से दो एजेंट को गिरफ्तार किया। यही नहीं गुजरात पुलिस ने इस मामले में कनाडा और अमेरिका में रहने वाले दो अन्य लोगों को भी वॉन्टेड घोषित किया है। इन पर गुजरात के 11 लोगों को अवैध रूप से कनाडा से अमेरिका भेजने का आरोप है। 

अमेरिका-कनाडा सीमा पर अत्यधिक ठंड से मौत
मालूम हो कि लगभग एक साल पहले जनवरी 2022 में गुजरात की कलोल तालुका के डिंगुचा गांव के रहने वाले जगदीश पटेल, उनकी पत्नी और दो बच्चों की अमेरिका-कनाडा सीमा पर अत्यधिक ठंड से मौत हो गई थी। पुलिस उपायुक्त (अपराध शाखा) चैतन्य मांडलिक ने संवाददाताओं को बताया कि अब तक की छानबीन में पाया गया है कि आरोपियों ने गुजरात से 11 व्यक्तियों को अवैध रूप से अंतरराष्ट्रीय सीमा (अमेरिका-कनाडा) पार कराने में भूमिका निभाई थी। 

-35 डिग्री में चलने को कहा 
वहीं टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, छानबीन में पाया गया है कि डिंगुचा गांव को छोड़ने वाले जगदीश पटेल का परिवार इन्हीं एजेंटों के चक्कर में फंस गया था। एजेंटों के कहने पर ही इस परिवार ने प्रतिकूल मौसम में सफर करने का जोखिम लिया। कनाडा की जानलेवा सर्दी में जगदीश पटेल के परिवार के साथ 11 लोगों को उनके हाल पर छोड़ने वाले इन एजेंटों ने अहमदाबाद क्राइम ब्रांच की पूछताछ में सनसनीखेज खुलासे किए हैं। एजेंटों ने इन लोगों से कहा था कि आप सभी को -35 डिग्री में चलना पड़ेगा, ऐसा नहीं किया तो अमेरिका और कनाडा की पुलिस पकड़ लेगी। सभी लोगों को घुप्प अंधेरे में अमेरिका सीमा में आने वाले पेट्रोल पंप की लाइट की तरफ बढ़ते रहना होगा। इसके अलावा किसी को कुछ नहीं दिखाई देगा।

बर्फ में फंसने के कारण हुई मौत
मालूम हो कि एजेंटों के झांसे में आया जगदीश पटेल का परिवार अमेरिका की सीमा से कुछ दूर पहले बर्फ में फंस गया था। इस परिवार की भयंकर ठंड के बीच फंसने मौत हो गई थी। अमेरिका और कनाडा के पुलिसकर्मियों को इस परिवार के शव बर्फ में पाए गए थे। डिंगुचा गांव के जगदीश पटेल ने अमेरिका में बसने के अपने सपने को पूरा करने के लिए इन फर्जी एजेंटो को मोटी रकम चुकाई थी। इन एजेंटों ने इस परिवार को अवैध तरीके से अमेरिका में दाखिल कराने की कोशिश की थी। क्राइम ब्रांच के डीसीपी चैतन्य मांडलिक ने बताया कि कनाडा के दो एजेंट फेनिल पटेल और बिट्टू पाजी इस मामले में वॉन्टेड करार दिया गया है। एजेंट यह जानते थे कि भीषण सर्दी में लोगों की जान जा सकती है फिर भी सीमा पार कराने पर जोर डाला। 

एजेंटों ने बनाया था दबाव
एजेंटों का मानना था कि मौसम जितना खराब होगा लोगों को अवैध तरीके से सीमा पार कराना उतना ही आसान होगा। वहीं जगदीश पटेल अपने दो मासूम बच्चों और पत्नी के साथ भयानक ठंड के बीच सीमा पार करने के लिए तैयार नहीं थे। एजेंटों ने इन लोगों से कहा था कि यदि उन्होंने सीमा पार नहीं की तो उनको भारत वापस जाना होगा या फिर कनाडा में ही रहना पड़ेगा। एजेंटों ने दबाव बनाया कि अमेरिका में दाखिल होने का यह बेहतर मौका है। यह परिवार लाखों रुपये खर्च कर के कनाडा पहुंचा था। इस परिवार ने मजबूरी में यात्रा करने की बात मानी। परिवार का मानना था कि यदि उन्होंने एजेंटों की बात नहीं मानी तो उनके लाखों रुपये बर्बाद हो जाएंगे। मजबूरी में यह परिवार -35 डिग्री में चलने को मजबूर था।