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घर-दुकान की रजिस्ट्री के लिए सरकारी दफ्तर जाने से मुक्ति, पायलट प्रोजेक्ट को योगी कैबिनेट की मंजूरी

यूपी की योगी सरकार ने घर-मकान, दुकान आदि की रजिस्ट्री के लिए निबंधन कार्यालय जाने से मुक्ति देने वाली है। इसके पायलट प्रोजेक्ट को योगी कैबिनेट ने मंगलवार को मंजूरी दे दी। इससे बड़ी राहत मिलेगी।

घर-दुकान की रजिस्ट्री के लिए सरकारी दफ्तर जाने से मुक्ति, पायलट प्रोजेक्ट को योगी कैबिनेट की मंजूरी
Yogesh Yadavहिन्दुस्तान,लखनऊTue, 25 Jun 2024 11:13 PM
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यूपी की योगी सरकार ने घर-मकान, दुकान आदि की रजिस्ट्री के लिए निबंधन कार्यालय जाने से मुक्ति देने वाली है। इसके पायलट प्रोजेक्ट को योगी कैबिनेट ने मंगलवार को मंजूरी दे दी। सबसे पहले आवास विकास परिषद समेत विकास प्राधिकरणों की संपत्तियों की डिजिटली रजिस्ट्री कराने की सुविधा दे दी है। ऐसी रजिस्ट्रियां अब विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद में ही हो जाएंगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला हुआ। मौजूदा समय सभी प्रकार की संपत्तियों की रजिस्ट्री कराने के लिए निबंधक कार्यालयेां में जाना पड़ता है। मौके पर कैमरे के सामने भौतिक सत्यापन कराए जाने की व्यवस्था है। संपत्ति की रजिस्ट्री करने वाले व्यक्ति से लेनदेन के बारे में पूछताछ होती है और यह भी पूछा जाता है कि किसी तरह का उस पर कोई दबाव तो नहीं है। इसके बाद क्रेता और विक्रेता दोनों के हस्ताक्षर होते हैं।

इसके चलते क्रेता और विक्रेता दोनों को परेशानियां होती हैं। इसे खत्म करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में आवास विकास परिषद और सभी प्राधिकरणों में डिजिटल रजिस्ट्री की सुविधा शुरू करने का फैसला किया गया है। इस नई व्यवस्था से धांधली पर अंकुश लगने के साथ रजिस्ट्री कार्यालयों पर भीड़ भी कम होगी। स्टांप एवं पंजीयन मंत्री रवींद्र जायसवाल के मुताबिक दूसरे चरण में विदेशों की तर्ज पर घर बैठे रजिस्ट्री की सुविधा देने का विचार है।

मोबाइल पर 500 रुपये तक के स्टांप
कैबिनेट इसके साथ ही 500 रुपये तक के स्टांप की सेल्फ प्रिटिंग की सुविधा दे दी है। इसके तहत स्टाक होल्डिंग कारपोरेशन की वेबसाइट पर जाकर जितने का स्टांप खरीदना है। उतने रकम का ऑनलाइन पेमेंट करते हुए अपना नाम और स्टांप खरीदने का कारण फीड करना होगा। इसके बाद पैसा जमा करते ही एक यूनीक नंबर जनरेट होगा। फिर इसे मोबाइल या लैपटाप किसी भी डिवाइस पर लेकर कही से भी प्रिंट कराया जा सकेगा। इस पहले से गांव, कस्बों से छोटे स्टांप तलाशने की भागदौड़ बचेगी। स्टांप की कुल बिक्री में करीब 50 फीसदी 500 रुपये से छोटे स्टांप ही होते हैं।